किसानों का परिश्रम और त्याग ही हमारी सच्ची पूंजी और ताकत - मुख्यमंत्री
indiaउत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष पर पंतनगर में आयोजित वृहद कृषक सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किसानों को सम्मानित किया और कई नई योजनाओं की घोषणा की।

किसानों का परिश्रम और त्याग ही हमारी सच्ची पूंजी और ताकत - मुख्यमंत्री
किसानों का परिश्रम और सरकार की नीतियां आने वाली पीढ़ियों के लिए तैयार करेंगे स्वस्थ, समृद्ध और स्वर्णिम भविष्य का निर्माण

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राज्य के रजत जयंती उत्सव के अवसर पर पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में वृहद कृषक सम्मेलन का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में कृषि, उद्यान, दुग्ध, मत्स्य, सहकारिता के प्रगतिशील कृषक व लखपति दीदीयों को मुख्यमंत्री द्वारा प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र भेटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी भी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आये सभी किसानों को उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती पर्व की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि किसान भाईयों का परिश्रम और त्याग ही हमारी सच्ची पूंजी है और उनका पसीना हमारी ताकत है। उन्होंने उत्तराखंड निर्माण के सपने को साकार करने में अपना योगदान देने वाले और बीते 25 वर्षों में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में अपना अतुलनीय योगदान देने वाले किसानो को भी नमन किया।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल कृषि संबंधी योजनाओं की चर्चा हेतु एक आम कार्यकम नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के हमारे सभी किसान भाईयों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का भी अवसर है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश के संतुलित विकास के लिए यह आवश्यक है कि हमारे किसान भाइयों की परेशानियां कम हों, वे सशक्त बनें। किसानों के सशक्तिकरण के बिना राष्ट्र का सशक्तिकरण अधूरा है।
कृषि मानव जीवन का आधार है
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी के इर्द-गिर्द ही हमारा समाज विकसित हुआ, हमारी परम्पराएं पोषित हुईं और हमारे पर्व व त्योहार निर्धारित हुए। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में भी लिखा है कि कृषि संपत्ति और मेधा प्रदान करती है और कृषि ही मानव जीवन का आधार है।
उन्होंने कहा कि उनके लिए तो खेती करना देव उपासना जैसा है, क्योंकि उनके पिता एक जवान भी थे और एक किसान भी। खेती द्वारा, लोगों का पेट भरने से जो संतुष्टि प्राप्त होती है, उसकी व्याख्या नहीं की जा सकती।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि किसानों के लिए बनी वरदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों का जितना सशक्तिकरण हुआ है वह अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से देशभर के 11 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है, जिसमें उत्तराखंड के लगभग 9 लाख किसान शामिल हैं।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि—
- प्रमुख फसलों के MSP में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से खेतों की मिट्टी की वैज्ञानिक जांच हो रही है
- 3 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है
- फार्म मशीनरी बैंक पर 80% सब्सिडी दी जा रही है
- पॉलीहाउस निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान
उन्होंने बताया कि—
- 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं
- गेहूं खरीद पर 20 रुपये प्रति क्विंटल बोनस
- गन्ना मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि
- 1,000 करोड़ रुपये का रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट
- नई सेब नीति, कीवी नीति, मिलेट मिशन, ड्रैगन फ्रूट नीति लागू
राज्य में—
- 50+ मशरूम इकाइयाँ
- 30+ मौनपालन इकाइयाँ
- 18 कोल्ड स्टोरेज
- 2 मेगा फूड पार्क
स्थापित हैं।
टी–टूरिज्म को बढ़ावा
राज्य में चाय उत्पादन 196 हेक्टेयर से बढ़कर 1,585 हेक्टेयर हो चुका है।
चाय बागानों को पर्यटन से जोड़ते हुए—
- चम्पावत (सिलिंगटॉग)
- नैनीताल (श्यामखेत, घोड़ाखाल)
- बागेश्वर (कौसानी)
को टूरिज्म से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री का संकल्प — उत्तराखंड को आत्मनिर्भर कृषि राज्य बनाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि—
“आपका परिश्रम, हमारी नीतियां और केंद्र सरकार का सहयोग— यही मिलकर एक स्वस्थ, समृद्ध और स्वर्णिम भविष्य का निर्माण करेंगे।”
सम्मेलन में विभिन्न जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कृषक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


